चलते हैं
एक नए रास्ते पर,
अंजान राहों में
किसी का साथ पहचान लेंगे।
मिलते है
कल फिर यही,
तुझको देख कर
खुदको संभाल लेंगे।
देखते है
एक दूजे को सदियों तक,
आंखे बंद कर
तेरी तस्वीर बना देंगे।
करते है
ढेर सारी बातें,
खामोशियों से
हम खुदको जान लेंगे।
रुकते है
इक नए ठिकाने पर,
अपना घर
उस पहाड़ पर बना लेंगे।
और फिर चलते है
और नये रास्तों पर।
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