अंत से शुरुआत,
जो अब हम हैं साथ,
याद आता है मुझे वो पल,
जब पकड़ा था हमने एक दूसरे का हाथ।
वो शाम और वो रात,
कि जो घंटों तक हमने बात,
और फिर सवेरा होने से पहले,
दो आंखो कि मुलाकात।
आज भी वही जज़्बात,
बस बदल गए हैं हालात,
अभी कौन सा ही अंत है,
अभी तो हुई हैं शुरुआत।
Comments
Post a Comment